युवा हो रहे हार्ट अटैक के शिकार, विश्व हृदय दिवस पर रखें अपने दिल का खयाल: डॉ.सत्यम राजवंशी
युवा हो रहे हार्ट अटैक के शिकार: डॉ.सत्यम राजवंशी
भारत में दुर्भाग्यवश 30 की उम्र में भी दिल की बीमारी जानलेवा है भारत मे दिल की बीमारियों की वृद्धि हो रही है।पश्चिमी देशो के मुक़ाबले भारतीयो को 10 से 15 वर्ष कम उम्र में गंभीर दिल की बीमारी घेर रही है जिसकी वजह है आधुनिक जीवनशैली, धूम्रपान व तम्बाकू शराब आदि का नशा, बढ़ता प्रदूषण, दैनिक व्यायाम का अभाव, बढ़ता मोटापा, बढ़ते शुगर / ब्लड प्रेशर / कोलेस्ट्रॉल का कॉम्बिनेशन, दिमागी तनाव, खाने में अत्यधिक वसा, नमक, मीठा तथा ताज़े फल और सब्ज़ियों का अभाव इस प्रकोप को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारण हैं।
डॉ.सत्यम राजवंशी ने बताया कि इसके अलावा भारत के लोगो में मोटापे का पेट के आस पास केंद्रित होना और “लाईपोप्रोटीन-ऐ” कोलेस्ट्रॉल का बढे होना भी हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनता है। यही नही अत्यधिक व्यायाम, जिम और बॉडी बिल्डिंग की होड़, और सप्लीमेंट आदि का सेवन भी हार्ट की बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है।
डॉ.सत्यम राजवंशी का कहना है कि इन लक्षणों को न करें नज़र अंदाज़, हो सकता है हार्ट अटैक
छाती में दर्द, भारीपन, जलन, या खिंचाव दिल के दौरे का सबसे प्रमुख लक्षण है. इसके अलावा अत्यधिक सांस फूलना, थकान रहना, ठन्डे पसीने आना, धुकधुकी या धड़कन का कम या ज़्यादा होना, एकाएक बेहोशी आना, अचानक हाथ या पैर का सुन्न पड़ना या कमज़ोरी आना, अचानक मुँह और होठों का तिरछा होना और ज़बान न उठना, हाथों पैरों पर सूजन आना भी दिल और नसों में खून के प्रवाह कम होने के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में बिना देर करे अपने चिकित्सक या ह्रदय रोग विशेषज्ञ से अवश्य मिलें।
डॉक्टर ने बताया कि हार्ट अटैक का पहला घंटा है गोल्डन आवर
हार्ट अटैक से होने वाली मौत में आधी से ज़्यादा पहले 2 घंटो में ही मौत हो जाती हैं। इसी लिए हार्ट अटैक के इलाज में हर मिनट कीमती है और लक्षण आते ही पहले घंटे के अंदर हृदय रोग विशेषज्ञ के पास इलाज से हार्ट फेल और हार्ट अरेस्ट जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण आते ही डिस्प्रिन की 2 गोलियां चबाने या पानी में घोलकर पीने से 25 प्रतिशत रोगियों की जान बचाई जा सकती है।
अस्पताल में हार्ट की धमनी खोलने के लिए एंजियोग्राफी और स्टेंट/एंजियोप्लास्टी करना हार्ट अटैक का सर्वोत्तम उपचार है। अगर अस्पताल में स्टेंट डालने की सुविधा ना हो तो खून पतला करने की थ्रोंबोलिटिक दवाई जीवन रक्षक है।
दिल की सुरक्षा के लिए 5 कुंजियाँ : डॉ.सत्यम राजवंशी
जीवनशैली में इन 5 मूल मन्त्रों का कवच हमारे दिल को निरोगी रख सकता है
1. प्रतिदिन 45 मिनट का व्यायाम और योग साधना - हर रोज़ कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें और 15 मिनट प्राणायाम और सूर्य नमश्कार की क्रिया करें. अपने वज़न को हर हफ्ते एक बार नोट करें और उससे बढ़ने न दें.
2. संतुलित आहार - अत्यधिक नमक, मीठा, वासा युक्त भोजन, डब्बा बंद भोजन, फ़ास्ट फ़ूड, मांसाहारी भोजन की आदत को छोड़ें. इसके विकल्प में ज़्यादा से ज़्यादा ताज़े फल, सब्ज़ी, और बादाम व अखरोट का सेवन करें. गेंहू में चने का आटा मिला कर मिस्सी रोटी खाएं. खाना पकाने के लिए न्यूनतम मात्रा में सरसों के तेल का प्रयोग करें.
3. धूम्रपान, तम्बाकू, शराब, और नशा हो बंद - धूम्रपान और अन्य सभी तंबाकू युक्त चीज़ों का सेवन कम उम्र में पड़ने वाले 70 प्रतिशत हार्ट अटैक के लिए ज़िम्मेदार है. शराब पीने से और अन्य नशीले पदार्थों से दिल की बीमारियां और हार्ट अटैक बढ़ते हैं. इनका प्रयोग बंद करें.
4. दिमागी तनाव से छुटकारा - जीवन में अत्यधिक भाग दौड़ और प्रतिस्पर्धा से बचें। अपनी ज़रूरतों को कम करके संतोष रखें तथा अपने जीवन साथी, परिवारजन, और मित्रों के साथ समय बिताएं.
5. स्वास्थ की नियमित जांच - 30 साल की उम्र के बाद चिकित्सकी सलाह के अनुसार नियमित रूप से स्वास्थ की जांच कराएं. अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, और वज़न को बढ़ने न दें.
इन 5 मन्त्रों को अपने जीवन में धारण करने से हम एक निरोगी जीवन का आनंद ले सकते हैं.
(नसीम सैफ़ी सम्पादक आप का हिन्द)
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