26 साल बाद कोर्ट से बरी हुआ बुज़र्ग, फर्जी मुकदमा करने वाले दरोगा पर की कार्यवाही की मांग
आरोपी बनाएं गये रामरतन मुज़फ्फरनगर। अवैध तमंचा रखने के झूठे आरोप में एक 70 साल के बुजुर्ग को झेलनी पड़ी लगभग 400 तारीख़ तब जाकर कही 26 साल बाद न्यायालय ने किया बाईज्जत बरी। दरअसल उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफफरनगर की नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित रोहना खुर्द गांव निवासी एक 70 साल के बुजुर्ग रामरतन को पुलिस ने 2 नवंबर 1996 को अवैध तमंचा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। करीब 3 माह बाद रामरतन जमानत पर छूट कर बाहर आया था। जिसके बाद जनपद की सीजेएम कोर्ट में रामरतन के विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई चली थी। जिसमे करीब 24 साल बाद सीजेएम मनोज कुमार जाटव ने 9 सितंबर 2020 में रामरतन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। आपको बता दे की सीजेएम कोर्ट में रामरतन के विरुद्ध तमंचा रखने के आरोप में करीब 24 साल तक सुनवाई चली थी । सुनवाई के दौरान कई बार आदेश दिये जाने के बावजूद भी पुलिस बरामद तमंचा कोर्ट के सामने पेश नहीं कर पाई। कई मौके दिये जाने तथा नोटिस जारी होने पर भी पुलिस रामरतन के विरुद्ध कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंची थी। जिसके बाद कोर्ट ने रामरतन को बरी कर दिया था। लेकिन साक्ष्य के अभाव में बरी ह